- रासबिहारी पाण्डेय
गत दिनों अजय देवगन,शाहरुख खान और अक्षय कुमार को टीवी पर पान मसाला का विज्ञापन करने के लिए उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।तीनों अभिनेताओं का कद बहुत बड़ा है।अभिनेता के रूप में उन्होंने समाज पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है।इन्हें
फिल्म फेयर, नेशनल अवार्ड और पद्मश्री जैसे उच्च सम्मानों से विभूषित किया गया है।ये अभिनय की दुनिया में अभी पूर्ण सक्रिय हैं और किसी तरह के अभाव से बिल्कुल नहीं गुजर रहे हैं। तंबाकू और पान मसाला स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है,कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक का जनक है,वे इससे भी पूर्ण परिचित हैं;बावजूद 30 सेकंड के विज्ञापन के एवज में मिलने वाले करोड़ों रुपए का लोभ नहीं छोड़ सके और अपने काम के बदौलत बनी अपनी छवि की परवाह किए बगैर अपने लाखों चाहने वालों को संदेश देने लगे कि हम इसी ब्रांड को पसंद करते हैं,आप भी सेवन कीजिए।
टीवी पर शराब और तंबाकू जैसे उत्पादों के विज्ञापन पर रोक है लेकिन इस ब्रांड के अन्य उत्पादों का विज्ञापन वैध है। कंपनियां बड़े अभिनेताओं को मुंहमांगी रकम देकर माउथ फ्रेशनर या इलायची के नाम से विज्ञापन करवा कर अपने हक में इस्तेमाल कर लेती हैं।जनता बखूबी इस बात को समझती है कि यह किस ब्रांड का विज्ञापन है।कुछ वर्ष पूर्व सुनील गावस्कर,वीरेंद्र सहवाग और कपिल देव जैसे दिग्गज क्रिकेटरों ने भी एक तंबाकू ब्रांड का विज्ञापन किया था जबकि सचिन तेंदुलकर ने ऐसे एक ब्रांड के विज्ञापन के एवज में 20 करोड़ राशि का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। सचिन ने अपने पिता साहित्यकार रमेश तेंदुलकर को वचन दिया था कि वे तंबाकू का विज्ञापन कभी नहीं करेंगे।काश हर पिता अपने बेटे से यह वचन लेता!
भारत में पान मसाले और तंबाकू का कारोबार बयालीस हजार करोड़ रुपए का है जो अगले वर्षों में तिरपन हजार करोड़ से अधिक हो जाने की उम्मीद है।एक आंकड़े के मुताबिक सताइस करोड़ से अधिक लोग इसका सेवन करते हैं। तंबाकू कंपनियों की नजर इन्हीं ग्राहकों पर है। अगर कोई कंपनी नियमित रूप से एक करोड़ ग्राहकों को भी अपना उत्पाद बेच लेती है तो वह खरबपति हो जाती है।इसलिए विज्ञापन के रूप में पचीस पचास करोड़ खर्च करना उसके लिए घाटे का नहीं,मुनाफे का सौदा है।उत्पाद में लागत से कई गुना अधिक लाभ होता है।विज्ञापन ही इनके व्यापार का मूल है।
करोड़ों लोग जिन अभिनेताओं और क्रिकेटरों को अपना आदर्श मानते हैं,बैंक बैलेंस बढ़ाने के लोभ में वे नैतिकता ताक पर रखकर अपना जमीर बेच देते हैं।सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद अक्षय कुमार ने माफी मांगते हुए आगे से ऐसा कोई विज्ञापन न करने की शपथ ली , वहीं अमिताभ बच्चन ने करार खत्म हो जाने के बाद भी दिखाये जा रहे अपने विज्ञापन के लिए उक्त ब्रांड को नोटिस भेजी।
भारत सरकार को ऐसी ठोस नीति बनाना चाहिए कि ऐसे उत्पादों को टीवी और सिनेमा के जरिए किसी प्रकार का बढ़ावा न मिल सके।
आइए हम भी यह संदेश दें -
अगर जिंदगी से है प्यार
तो तंबाकू से करें इनकार।