निठल्ले घूम रहे युवकों के लिए सुरेंद्र सुकुमार की यह कविता अवश्य पढ़नी चाहिए....
" सफोकेशन "
बात थोड़ी पुरानी है
प्यार की कहानी है
कड़कड़ाती ठंड की
शाम थी
हवा जवान थी
हमें कवि सम्मेलन में
जाना था
वहाँ काव्यपाठ
जमाना था
रेल वहीं से चलती थी
समय काफ़ी था
पूरा डिब्बा खाली था
सो रेल के डिब्बे में
खिड़की के सहारे
बैठ गए
सर्दी में ऐंठ गए
ठंड से दाँत
किटकिटाने लगे
हमें रजाई गद्दे बहुत
याद आने लगे
हमने अटैची में से
शाल निकाला
तो चौंक गए
जल्दवाजी पत्नी का
कामदार शॉल ले आए थे
उस दिन हम
बहुत शरमाए थे
मरता क्या न करता
उसी शॉल से
अपने आप को मुंह तक
लपेट लिया
बस हमारे
लंबे घुँघराले बाल
हवा के लहरा रहे थे
बहुत इठला रहे थे
तभी अचानक
एक लड़का
हमारे डिब्बे में आया
हमें अकेला देख कर
बहुत मुस्कुराया
हमारे सामने वाली
सीट पर बैठ कर
फिल्मी पत्रिका
पढ़ने लगा
और पत्रिका की
आड़ से हमें देखने लगा
तब हमारी
समझ में आया कि
बरखुरदार लेडीज
शॉल में भटक गए हैं
हमारे घुँघराले
बालों में अटक गए हैं
फिर उसने परिचय
करने के लिए
बातचीत शुरू की
आज बहुत सर्दी है
हवा जवान हो गई है
मौसम हसीन है
बहुत ही रंगीन है
अकेली जा रही हैं क्या ?
हमने स्वीकार में सर
हिलाया
उसे बहुत मज़ा आया
हमने भी मज़ा
लेने के लिए उसकी
गलतफहमी को बनाए
रखने के लिए
और अपनी आँखों से
नशीले अंदाज़ से उसे देखा
शरीर हल्का सा
खिसकाया
वो हमसे पत्रिका
पढ़ने की ज़िद करने लगा
लीजिए लीजिए
पढ़िए बहुत अच्छी
लवस्टोरी है
माधुरी दीक्षित
के दिल की चोरी है
हमने नकारात्मक
अंदाज़ में सर हिलाया
उसे थोड़ा गुस्सा आया
फिर उसने
पत्रिका को अपने
आँखों सामने कर लिया
और हमारे सामने
एक कामुक सा
सीन कर दिया
हमारा दिल घबराने लगा
वो अपने
सीधे पैर का
पँजा धीरे धीरे
हमारे पँजे की ओर
बढ़ाने लगा
देखते देखते उसका
पँजा हमारे पँजे के
ऊपर आ गया
हमारा कलेजा मुंह
तक आ गया
फिर उसने धीरे से
अपने पँजे का
दवाब हमारे पँजे पर
बढाया
हमने भी अपना
पंजा धीरे से ऊपर
उठाया
अब तो वो कल्पना में
बहने लगा
हमें अपने पास
बैठने को कहने लगा
और पत्रिका पढ़ने
की ज़िद करने लगा
अब तो हम सचमुच ही
डर गए
खाली डिब्बा
रात का सन्नटा
बंद खिड़की
बंद दरवाजा
हमने सोचा थोड़ी देर
अगर हम यूँही चुप
बैठे रहे तो आज
हमारा सबकुछ लुट
जाएगा और कोई
जान भी नहीं पाएगा
हमने झटपट
अपने चेहरे से
शॉल हटाया
और अपनी मूँछों पर
हाथ फिराया
ज्यादा ज़िद करते हो
तो लाओ पड़ लेते हैं
आपकी बात भी रख
लेते हैं
अब तो वो बहुत घबराया
आसमान से
जमीन पर आया
सर्दी में पसीने आने लगे
पैर थरथराने लगे
यहाँ बहुत सफोकेशन है
यहाँ बहुत सफोकेशन है
कह कर जाने के लिए
जैसे ही ब्रीफकेस थामा
तभी हमने उसका
हाथ थामा
हमने कहा
अभी तो बहुत कम
सफोकेशन है
जब डिग्रियों से भरा
ब्रीफकेस लेकर
नेताओं अधकारियों
और दलालों के पास
जाओगे
अपने अंदर बहुत
सफोकेशन पाओगे
इसलिए ये
लवस्टोरी भूल जाओ
और पढ़ाई मन लगाओ
😊😊😊😊 सुरेन्द्र सुकुमार
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