सोमवार, 8 सितंबर 2025

आओ पेड़ लगायें

 

रासबिहारी पाण्डेय


आओ पेड़ लगाएं, आओ पेड़ बचाएं

मूल मंत्र हो यह जीवन का, सबको याद कराएं।


तापमान सारी धरती का हर दिन बढ़ता जाए 

झुलस रहा तन, झुलस रहा मन, जीवन झुलसा जाए 

पेड़ लगाकर हम इस धरती का ताप घटाएं ।


जहां अधिक हों पेड़ वहां मेघों को लेकर आते

वातावरण करें शीतल बारिश भी करवाते

वृक्षारोपण करें प्रकृति का असंतुलन मिटायें।


औषधियां मिलती हैं इनसे फूल और फल हैं मिलते

वायु प्रदूषण दूर करें और  प्राण वायु हैं देते

कितने उपयोगी हैं ये जन जन को हम समझाएं ।

      

बात करता हूं दिल की पेड़ों से 

फूल इजहारे इश्क करते हैं 

धूप से,बादलों, हवाओं से 

रंग जीवन में सारे भरते हैं 

इनसे ही जिंदगी संवरती है

इनसे ही कहकशां उभरते हैं

लोग कुछ ऐसे भी हैं दुनिया में 

कत्ल का कारोबार करते हैं। 

पेड़ हो आदमी या पशु पंछी 

एक ही बात दिल में रखते हैं

कितनी बाजार में कीमत इसकी 

इसको पाने में है लागत कितनी

जब से दुनिया है खेल जारी है

पर अदीबो की जिम्मेदारी है 

यह बताते रहें कि कुछ भी हो 

हुस्न और इश्क के बिना आखिर 

सारी दुनिया की सल्तनत क्या है

देखकर जिससे लोग कतरायें

ऐसे  इंसान की अज़्मत क्या हेै?










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